Chhattisgarh IAS Transafer: साल 2024 के साथ छत्तीसगढ़ के इन दो IAS अफसरों की होगी विदाई, 31 दिसंबर को होगा आईएएस ट्रांसफर..
CG IAS Transafer: साल 2024 का 31 दिसंबर छत्तीसगढ़ कैडर के दो आईएएस अधिकारियों का आखिरी दिन होगा। 31 दिसंबर की शाम भारतीय प्रशासनिक सेवा के इन दोनों अधिकारियों की सर्विस से विदाई हो जाएगी। यह पहला मौका है, जब 31 दिसंबर को एक साथ दो आईएएस अफसर रिटायर होगे। इनमें एक पुरूष हैं और एक महिला आईएएस।
CG IAS Transafer: रायपुर। ये भी एक संयोग है...साल 2024 की विदाई के साथ छत्तीसगढ़ के भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों की भी विदाई हो जाएगी। इनमें एक पुरूष अफसर हैं और दूसरी महिला। एक की विदाई मंत्रालय से होगी और दूसरे की संभागीय मुख्यालय से। जाहिर है, दोनों अफसर 2024 को नहीं भूलेंगे।
बता दें, इस महीने आईएएस जी0 चुरेंद्र और शारदा वर्मा की सेवानिवृत्त होगी। चुरेंद्र इस समय सरगुजा संभाग के कमिश्नर हैं। और शारदा वर्मा मंत्रालय में सचिव पंजीयन के साथ कमिश्नर हायर एजुकेशन हैं। चुरेंद्र राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रमोट होकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए और शारदा को एलायड सर्विस यानी अन्य सेवा के कोटे से आईएएस अवार्ड हुआ है।
दोनों अधिकारियों की सेवानिवृत्ति से पहले राज्य सरकार को दोनों की जगह नई नियुक्ति करन होगी। इसमें सबसे अहम होगा सरगुजा कमिश्नर की पोस्टिंग। सरगुजा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संभाग है। उनका जशपुर जिला सरगुजा जिले में आता है। इसलिए, सरगुजा कमिश्नर की पोस्टिंग टाली नहीं जाएगी। या किसी को अतिरिक्त प्रभार भ नहीं दिया जा सकता।
वैसे भी बिलासपुर कमिश्नर महादेव कांवड़े पहले से डबल प्रभार में हैं। वे मूलतः रायपुर के कमिश्नर हैं। कमिशनर संजय अलंग के रिटायर होने के बाद कावड़े को बिलासपुर संभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी गई, जो आज भी जारी है।
इसी तरह शारदा वर्मा की जगह किसी आईएएस को सचिव पंजीयन का दायित्व दिया जा सकता है। हालांकि, सचिव लेवल पर अधिकारियों की अब कमी नहीं है। मगर ब्यूरोक्रेसी में यह उत्सुकता बनी हुई है कि मंत्री ओपी चौधरी के इस विभाग का सिकरेट्री किसे बनाया जाता है। पंजीयन में सिकरेट्री का जितना काम नहीं, उतना आईजी का है। इसलिए किसी को पंजीयन विभाग दिया भी जाएगा तो अतिरिक्त के तौर पर ही मिलेगा।
कुल मिलाकर 31 दिसंबर को सरकार को आईएएस अधिकारियों की एक ट्रांसफर लिस्ट निकालनी होगी। उसमें हो सकता है कि सचिव स्तर पर कुछ और विभागों में फेरबदल हो। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह को भी मुख्यमंत्री कोई विभाग देना चाहेंगे। इधर-उधर नाम विभाग जोड़ने-काटने के चक्कर में हो सकता है कि लिस्ट कुछ बड़ी हो जाए।